सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर ठगे 70 लाख, अपनी पहुंच उपर तक है…! मंत्रालय, AIIMS और अंबेडकर अस्पताल में नौकरी लगवाने के नाम पर देता था झांसा

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ग्रामीण युवाओं को मंत्रालय, AIIMS और अंबेडकर अस्पताल में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 70 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. ठगी के शिकार बेरोजगारों की शिकायत पर सिविल लाइन पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।

सिविल लाइन थाना पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक खरोरा के ग्राम माठ निवासी ठेकेदार सुरेंद्र वर्मा की राजातालाब, अमर चौक निवासी भूपेश कुमार सोनवानी से अगस्त 2022 को कलेक्ट्रेट गार्डन में मुलाकात हुई थी. इस दौरान भूपेश ने दावा किया कि वह मंत्रालय, एम्स (AIIMS) और अंबेडकर अस्पताल में सरकारी नौकरी लगवा देगा. संबंधित विभाग के बड़े अधिकारियों से उसके अच्छे संबंध हैं. इसके लिए लाखों रुपये खर्च करना होगा. जिससे सुरेंद्र उसकी बातों में आ गया।

इसके बाद मंत्रालय में आपदा प्रबंधक के पद के लिए अपने बेटे लोकेंद्र वर्मा, रिश्तेदार बलराम वर्मा, लेबर निरीक्षक पद पर प्रदीप वर्मा, मानषु वर्मा को एम्स में नर्सिंग स्टाफ, दीपक वर्मा, दुर्गेश वर्मा को खाद्य निरीक्षक, मारूति नंदन वर्मा को अंबेडकर अस्पताल में प्यून और लक्की ऊर्फ लिकेश वर्मा और खुद आरोपित भूपेश सोनवानी ने स्वयं भर्ती के लिए फार्म लाकर भरवाया।

विभिन्न पदों के लिए अगल-अलग रेट

आरोपी ने प्रबंधक के लिए 10 लाख 50 हजार, लेबर निरीक्षक के लिए 8 लाख, खाद्य निरीक्षक के लिए 5 लाख, नर्स के लिए 4 लाख रुपये मांगे. इसके अलावा अन्य लोगों की नौकरी के लगवाने के लिए 29 अगस्त 2022 को सुरेंद्र ने 30 लाख 50 हजार रुपये भूपेश को दिए. काम होने पर 40 लाख रुपये और देना तय हुआ.

आरोपी ने शैलेश कुमार दुबे से 12 लाख, अमित रक्सेल से 2.50 लाख, मनोज तिवारी से 2.20 लाख, रोहणी यादव से 2.50 लाख, खिलेश जांगड़े से 20 हजार, विवेक वर्मा से 2 लाख, विकास वर्मा से 2 लाख सहित अन्य लोगों से कुल 70 लाख 10 हजार रुपये ठग लिए. सभी को मंत्रालय भर्ती परीक्षा और अन्य चयन परीक्षाओं में चयनित करवाने का आश्वासन दिया था. लेकिन जब किसी का परीक्षा में चयन नहीं हुआ तो सभी ने भूपेश से पैसों लौटाने को कहा. पहले तो वह टालमटोल करता रहा बाद में रकम वापस करने से साफ इनकार कर दिया.

खाते में मिला मात्र 450 रुपये

सुरेंद्र वर्मा ने बताया कि बाद में पता चला कि आरोपी ने नौकरी दिलाने का झांसा देकर डोमेश्वर वर्मा से ढाई लाख, नंद कुमार भास्कर से 4.15 लाख, फत्तेवर्मा से दो लाख, मंजूला वर्मा दो लाख और विजय वीर से 6 लाख रुपये ठगे हैं. आरोपी का न्यू शांतिनगर स्थित एसबीआइ में खाता है. उसके खाते में जमा रकम के बारे में पूछने पर मात्र 450 रुपये होना पाया गया.

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