जम्मू-कश्मीर : 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों द्वारा विशेष सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसमें मुठभेड़ के दौरान चार आतंकियों के मारे जाने की खबर है, जबकि राष्ट्रीय रायफल्स के एक कैप्टन शहीद हो गए। डोडा में आतंकियों की मौजूदगी का खुफिया इनपुट मिलने के बाद भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मंगलवार (13 अगस्त) को शिवगढ़-अकर जंगल में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था। सर्च के दौरान एक अमेरिकन मेड M4 रायफल और तीन संदिग्ध बैग मिले हैं। उधर, दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर बड़ी बैठक की।
एनकाउंटर में राष्ट्रीय रायफल्स के कैप्टन शहीद
न्यूज एजेंसी ANI ने रक्षा अधिकारियों के हवाले से बताया है कि डोडा में करीब 20 घंटे से सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। जिसमें बुधवार को 48 राष्ट्रीय रायफल्स के एक कैप्टन गोली लगने से जख्मी हो गए और बाद में इलाज के दौरान उनकी शहादत हो गई। ऑपरेशन अस्सर अभी जारी है और सुरक्षाबल पूरी मुस्तैदी के साथ आतंकियों को माकूल जवाब दे रहे हैं।
15 अगस्त से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बैठक
उधर, दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 15 अगस्त से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर बड़ी बैठक की, जिसमें एनएसए अजित डोभाल, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। स्वतंत्रता दिवस को लेकर देशभर में पुलिस और एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। सघन चेकिंग अभियान के साथ चप्पे-चप्पे पर चौकसी बरती जा रही है। राजधानी दिल्ली में संदिग्ध हमलावरों पर नजर रखने के लिए चुनिंदा स्पॉट्स पर स्नाइपर्स की तैनाती की गई है।
पीर पंजाल रेंज बना आतंकियों का ठिकाना
बता दें कि पिछले कुछ महीनों में जम्मू क्षेत्र, खासकर पीर पंजाल रेंज के दक्षिणी हिस्सों में आतंकी गतिविधियों में तेजी आई है। इन घने जंगलों और खड़ी पहाड़ियों वाले इलाकों में आतंकवादियों को छिपने में आसानी होती है, जिससे यहां आतंकियों के दोबारा सर उठाने की आशंका है।
पिछले महीने कुपवाड़ा जिले में हुई एक मुठभेड़ में एक सैनिक शहीद हो गया और एक अन्य घायल हो गया था, जिसमें सेना ने एक “पाकिस्तानी घुसपैठिए” को मार गिराया था। यह हमला कारगिल विजय दिवस के एक दिन बाद हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सेना हर आतंकवादी चुनौती को हरा देगी।
पिछले महीने पीएम मोदी ने भी जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति का आकलन करने के लिए बैठक की अध्यक्षता की थी। तब प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों की आतंकवाद विरोधी क्षमताओं की पूर्ण तैनाती का निर्देश दिया था।