दंतेवाड़ा/ गीदम : पर्यटन स्थलों को पहचान दिलाने और पर्यटन सुविधाओं के विस्तार के उपायों पर मंथन के लिए जिला प्रशासन दंतेवाड़ा, धर्मस्व व पर्यटन शाखा ने एक दिवसीय पर्यटन की संभावनाएं विषय पर कार्यशाला का आयोजन दंतेवाड़ा में किया। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए धर्मस्व एवं पर्यटन विभाग की ओर से कलेक्टर महोदय विनीत नंदनवार के मार्गदर्शन व निर्देशानुसार जिला प्रशासन दंतेवाड़ा द्वारा जिले की पर्यटन वेबसाइट दंतेवाड़ा टूरिज्म डॉट इन के लिए प्रतीक चिन्ह (लोगो मेकिंग) प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
जिले के 100 प्रतिभागियों में छात्र-छात्राओ व स्थानीय कलाकारों के समेत आस्था विद्या मंदिर इंग्लिश मीडियम स्कूल जावंगा के 4 विद्यार्थी एवं 2 शिक्षक भी हिस्सा लिया। जिसमें कला शिक्षक मुन्नालाल मरकाम, व्याख्याता अमुजुरी विश्वनाथ, विद्यार्थियों कुम्मा कुंजाम, कार्तिक मांडवी, प्रकाश मरकाम, मनीष कश्यप ने अपने कला हुनर प्रतिभा का परिचय देते हुए दंतेवाड़ा पर्यटन लोगो बनाए। दंतेवाड़ा जिला के विश्व प्रसिद्ध मां दंतेश्वरी मंदिर, ढोलकल गणेश, बारसूर के बत्तीसा मंदिर, मामा भाचा मंदिर, गणेश मंदिर, एनएमडीसी बैलाडीला पर्वत, जलप्रपात, जावंगा एजुकेशन सिटी के साथ साथ स्थानीय संस्कृति परंपरा ढोल नृत्य के बारे में उल्लेख किया गया।
कला शिक्षक मुन्नालाल मरकाम द्वारा बनाए गए प्रतीक चिन्ह को जिला प्रशासन द्वारा प्रथन स्थान चयनित कर 5000 नगद राशि, मोमेंटो एवं प्रमाण पत्र से पुरस्कृत किया गया। नन्हें कलाकार कुम्मा कुंजाम द्वारा बनाए गए प्रतीक चिन्ह द्वितीय स्थान प्राप्त किया। विजेताओं को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक देवती महेंद्र कर्मा, विशिष्ठ अतिथि राज्य खाद्य आयोग सदस्य व जिले के पर्यटन मंडल सदस्य विमल सुराना, कलेक्टर विनीत नंदनवार ने पुरस्कार से सम्मानित किया। कलाकार मुन्नलाल मरकाम, व्याख्याता अमुजुरी विश्वनाथ एवं कुम्मा कुंजाम ने बताया कि दंतेवाड़ा को विश्व के चित्रपट पर अब नई पहचान पर्यटन के क्षेत्र में संभावनाएं होगी, जिसे देख कर भारतवर्ष के साथ साथ विश्व स्तर पर भी दंतेवाड़ा प्रसिद्ध होगा। पर्यटन के माध्यम से दंतेवाड़ा को सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक विकास भी होगा।
इस उपलब्धि पर ऊपर कलेक्टर संजय कन्नौजे, संयुक्त कलेक्टर सुरेंद्र ठाकुर, जिला शिक्षा अधिकारी प्रमोद ठाकुर, जिला मिशन समन्वयक श्यामलाल सोरी, आदिवासी विकास विभाग उपायुक्त डॉ आनंद जी सिंह, आस्था विद्या मंदिर के प्राचार्य गोपाल पांडे, अधीक्षक रविप्रकाश ठाकुर, सुषमा दास, सर्व शिक्षक्गण ने कलाकारों को बधाई व शुभकामनाएं दी। इस कार्यशाला में वक्ताओं ने अपने विचार व सुझाव रखे। परिचर्चा में पर्यटन स्थलों के प्रचार-प्रसार, पहुँच मार्ग, पुरातात्विक मूर्तियों के संरक्षण, पर्यटकों के ठहरने की व्यवस्था, जिले को विशिष्ट पहचान दिलाने वाले घटकों आदि से संबंधित बातों पर चर्चा की गयी। दंतेवाड़ा जिले में टूरिज्म इन्फार्मेशन सेंटर तैयार हो रहा है। अब दंतेवाड़ा को विश्व स्तर पर नयी पहचान मिलेगी।