रायपुर : विद्यार्थियों को स्कूली शिक्षा से ही रोजगार के काबिल बनाने की कोशिश की जा रही है। अभी प्रदेश में 524 वोकेशनल स्कूल संचालित हैं। नए सत्र में 350 नए स्कूल खोलने का प्रस्ताव है। बता दें कि शिक्षा विभाग ने केंद्र से नए स्कूलों को व्यावसायिक शिक्षा योजना में शामिल करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की पीएबी (प्रोग्राम अप्रूवल कमेटी) से सहमति मिल गई है। इधर नई सरकार से बजट राशि मिलते ही प्रदेश में स्कूलों का चयन करके विद्यार्थियों को कक्षा नौवीं से व्यावसायिक शिक्षा में दाखिल होने का अवसर दिया जाएगा।
वोकेशनल स्कूल के विद्यार्थियों को एक विषय के रूप में 10 ट्रेड में से किसी एक ट्रेड को चुनने का मौका मिलता है। इनमें टेलीकम्यूनिकेशन, बैंकिंग फाइनेंस, एनिमेशन और मल्टीमीडिया ट्रेड, आइटी, एग्रीकल्चर, आटोमोबाइल, रिटेल, ब्यूटी वेलनेस, इलेक्ट्रानिक्स एंड हार्डवेयर और हेल्थ केयर शामिल हैं। प्रत्येक स्कूल में दो-दो ट्रेड ही लागू होंगे। हर स्कूल में दो-दो प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। स्कूल खुलने से लगभग 700 से अधिक नए प्रशिक्षकों की भर्ती के लिए भी अवसर मिलेंगे। इन पाठ्यक्रमों को संचालित करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से बजट प्रविधान किया गया है।
व्यावसायिक शिक्षा की पढ़ाई आउटसोर्सिंग से
प्रदेश में व्यावसायिक शिक्षा की पढ़ाई आउटसोर्सिंग से चल रही है। इसके लिए आइसेक्ट भोपाल, सेंटम नई दिल्ली, ग्राम तरंग भुवनेश्वर, लर्नेट स्किल नई दिल्ली, इंडस एडुट्रेन मुंबई, लक्ष्य जाब स्किल बेंगलुरु, स्किल ट्री गुरुग्राम और विद्यांता स्किल गुरुग्राम कंपनी को काम दिया गया है। इधर, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में कक्षा छठवीं से व्यावसायिक शिक्षा की पढ़ाई कराने का प्रस्ताव है। इसके लिए केंद्रीय स्तर एनसीईआरटी (नेशनल काउंसिल आफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग), एआइसीटीई (आल इंडिया काउंसिल फार टेक्निकल एजुकेशन), यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन) और एनसीवीटी (नेशनल काउंसिल आफ वोकेशनल ट्रेनिंग) को मिलकर भविष्य का कौशल फ्रेमवर्क तैयार करने का निर्देश दिया है।