ट्रेडिंग स्कैम मामले में 3 शातिर आरोपी बंगाल से गिरफ्तार, देशभर में 13 करोड़ रुपये की ठगी आई सामने

रायगढ़। ट्रेडिंग स्कैम के आरोपियों को पकड़ने में रायगढ़ पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने पश्चिम बंगाल से तीन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने रायगढ़ के तमनार में एक करोड़ 12 लाख रुपये की ठगी की थी. इस गिरोह को पकड़ने के लिए रायगढ़ पुलिस ने विशेष टीम बनाई थी, जिसके तहत आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए अखिल भारत में जांच की गई.

यह कार्रवाई पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर संजीव शुक्ला और पुलिस अधीक्षक रायगढ़ दिव्यांग पटेल के निर्देशन में की गई. उन्होंने साइबर फ्रॉड मामलों की गंभीरता को देखते हुए उप पुलिस अधीक्षक सायबर अभिनव उपाध्याय के नेतृत्व में साइबर सेल को और मजबूत किया था. इसके तहत तमनार थाने में दर्ज अपराध में आरोपियों की पहचान की गई, जो पश्चिम बंगाल में सक्रिय थे.

कैसे हुआ ठगी का मामला

तमनार के निवासी गोपाल कृष्ण शर्मा के मोबाइल पर 6 जून 2024 को एक अज्ञात व्हाट्सएप नंबर से शेयर मार्केट में हाई रिटर्न का झांसा देने वाला मैसेज आया था. इसके बाद उन्हें एक एप डाउनलोड करने के लिए लिंक भेजा गया, जिसके जरिए उन्हें शेयर मार्केट में निवेश करने का झांसा दिया गया. उन्होंने इस एप के माध्यम से 3 जुलाई तक लगभग 59 लाख 41 हजार 8711 रुपये का निवेश किया, लेकिन जब उन्होंने रुपये निकालने की कोशिश की, तो उन्हें बताया गया कि पर्सनल इनकम टैक्स के रूप में 15 प्रतिशत राशि जमा करनी होगी, जो कुल 72 लाख 1817 रुपये थी. इस प्रकार प्रार्थी को बार-बार गुमराह कर एक करोड़ 12 लाख 43 हजार 913 रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया.

शिकायत के आधार पर तमनार थाने में आईटी एक्ट समेत अन्य धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया. जिन खातों में रूपये ट्रांसफर हुए थे उनकी जानकारी ली गई, जिसमें रूपये इनोवेटिव नाम के खाते में 33 लाख रूपये क्रेडिट होना पाया गया जो संचालक गौरहरी मंडल का है. आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया, जिसमें पाया गया कि, यह ट्रेडिंग स्कैम पूरे भारत में फैले म्यूल अकाउंट (समान्यतः करेंट अकाउंट जिसे उसके मूल धारक के द्वारा कुछ रूपयों के बदले किसी और को बेच दिया जाता है) संचालित किया जाता है. मामले में गहन पूछताछ से आरोपियों के नेटवर्क के बड़े खुलासे की संभावना है. आरोपियों के खिलाफ 8 अन्य स्थानों पर भी ठगी के मामले सामने आए हैं, जिनमें कुल 13 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की गई है.

आरोपियों द्वारा किए गए अन्य अपराध

  1. जिला नगांव, आसाम में कुल 378800.00 रूपये की ठगी.
  2. जिला कृष्णागिरी तमिलनाडु में कुल 1,60,70,000 रूपये की ठगी.
  3. थाना भवानीपुर, जिला कोलकाता साउथ डिवीजन में कुल 2,03,74,000.00 रूपये की ठगी.
  4. थाना भवानीपुर, जिला कोलकाता साउथ डिवीजन में कुल 1,95,49,000 रूपये की ठगी.
  5. जिला कोजिकोड, केरल में थाना सायबर क्राईम पुलिस स्टेशन अपराध क्रमांक 15/24 कुल 4,73,14,000.00 रूपये की ठगी.
  6. जिला बांद्रा वेस्ट, मुम्बई में सायबर पुलिस स्टेशन, वेस्ट रिजन अपराध क्र 320/24 कुल 33,78,955.00 रूपये की ठगी.
  7. सायबर पुलिस थाना बृहनमुम्बई शहर में अपराध क्रमांक 417/24 कुल 1,46,22,066.00 रूपयों की ठगी.
  8. जिला मड़िपक्कम, चेन्नई तमिलनाडु में 63,35,000 रूपयो की ठगी.

गिरफ्तार आरोपियों के नाम

गौरहरी मंडल (54 वर्ष), निवासी रायचैधरी बगान, बोराईपुर, पश्चिम बंगाल
मैदुल शेख (35 वर्ष), निवासी बलवानबारी, बोराईपुर, पश्चिम बंगाल
चंदन उर्फ बाबू कहार (34 वर्ष), निवासी चितपुर, कोलकाता, पश्चिम बंगाल

आरोपियों से जब्त किये गए सामग्री

भारतीय स्टेट बैंक के 35 खाते
7 मोबाइल फोन
1 यासीवीकेवीआई डिवाइस
3 एटीएम कार्ड और 1 क्रेडिट कार्ड
78 लाख रुपये के चेक की छायाप्रति

केस में इनकी रही प्रमुख भूमिका

इस मामले में पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश मरकाम, उप पुलिस अधीक्षक साइबर अभिनव उपाध्याय और विशेष टीम के सदस्य निरीक्षक आर्शीवाद रहटगांवकर, सउनि-भागीरथी चैधरी, प्र.आर. दिलीप भानु, करूणेश राय, हेमप्रकाश सोन, अमित तिर्की, बिरीछलाल साण्डे, आरक्षक- महेश पण्डा, प्रशांत पण्डा, पुष्पेन्द्र जाटवर, कमलेश यादव, टिकेश्वर यादव, योगेश साहू, शशी भूषण साहू, ठंडाराम गुप्ता, टेक्नीकल सपोर्ट-म.आर-मेनका, आर-धनंजय कश्यप का महत्वपूर्ण योगदान रहा.

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